किसी और की भावनाओं...
किसी और की भावनाओं ने मेरे दिल को छु लिया ... अपनी समझके सुने
तेरे दर्द से दिल आबाद रहा
कुछ भूल गए कुछ याद रहा
नसीबा भी क्या रंग लाया
कहाँ ला के हमको मिलाया
अपनी वफ़ा के ग़ुल खिल ना पाए
मिल के भी तुमसे मिल ना पाए
दर्द-ए-दिल हम कैसे सहें
दूर भी हम कैसे रहें
तेरा ग़म तेरे जाने के बाद रहा
कुछ भूल गए कुछ ...
जान-ए-वफ़ा तुझको क्या दें
दिल कह रहा है दुआ दें
अरमां बुझे हैं सपनें धुआँ हैं
मर मर के हम तो ज़िन्दा यहाँ हैं
बेखुदी में हम खो गए
फिर जुदा तुझसे हो गए
चाहत का जहाँ बरबाद रहा -२
कुछ भूल गए कुछ ...
Deewana
Comment on this post