नमस्कार महामंत्र विघ्न विनाशक : मुनि श्री जयंत
नमस्कार महामंत्र विघ्न विनाशक : मुनि श्री जयंत
भिक्षु साधना केंद्र में संस्कार निर्माण शिविर का समापन
छापर 19 नवम्बर 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण के शिष्य मुनि श्री जयंत कुमार ने कहा कि नमस्कार महामंत्र विघ्न विनाशक, आत्म साक्षात्कार में सहायक व रिद्धि-सिद्धी दायक मंत्र है। इसका अवगाहन करने का अर्थ महा समुद्र में गोते लगाने के समान है।
उन्होंने कहा कि 14 पर्वों के ज्ञान भंडार का सार इस एक ही महामंत्र में समाहित है। जैन मुनि भिक्षु साधना केंद्र में महिला मंडल के तत्वावधान में संस्कार निर्माण शिविर के समापन पर मंत्र एक समाधान अनेक विषय पर संभागियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नमस्कार महामंत्र इच्छाओं व कामनाओं को पूर्ण करने वाला ही नहीं बल्कि इनकों जड़ से समाप्त करने वाला मंत्र है। कामनाओं की पूर्ति के लिए विभिन्न मंत्रों की साधना की जाती है, परंतु नमस्कार महामंत्र का जप आत्मिक उज्जवलता के विराट लक्ष्य के लिए किया जाए, तो सारी कामनाएं इस एक मंत्र में ही समाहित हो जाती है। जैन मुनि ने नमस्कार महामंत्र के प्रयोगों का उल्लेख करते हुए कहा कि रंग ध्यान के साथ महामंत्र का प्रयोग किया जाए तो आवेगों पर नियंत्रण किया जा सकता है।
मुनि तन्मय कुमार ने गीतिका के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। वर्षा बैद में होम मैनेजमेंट व मेघना सोनी ने किसके साथ हो मित्रता पर प्रशिक्षण दिया। महिला मंडल मंत्री मंजू दुधोडिय़ा ने बताया कि शिविर में शिविरार्थियों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं भी हुई। प्रतियोगिताओं में वंदना शर्मा, अनीता, रितिका शर्मा, सौरभ भूतोडिय़ा व हर्षा दुधोडिय़ा को विजेता होने पर पुरस्कृत किया गया। संचालन लोमा भंसाली व जयश्री दुधोडिय़ा ने किया।