प्रिय मित्रो
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सादर जय जिनेद्र
इस वर्ष 5महीने का चातुर्मास था ! परम श्रद्धेय महान तपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी ने इस महान धार्मिक एवं आध्यात्मिक अनुष्ठान को लेकर जसोल चातुर्मास फरमाया था और उसको सफलता में परिणित किया ! जिससे संघ की थाती जग में फैली है और सम्पूर्ण आकास में आध्यात्मिक रंगो का इन्द्रधनुष बन धर्म संघ की प्रभावना में चार चाँद से लगा दिया . दीक्षा , शिक्षा, के साथ गुरुदेव के सान्निध्य में अनेक सामाजिक उत्थान और परोपकार के कार्य हुए। जिसमे मेघा ब्लड केम्प , प्रेक्षा ध्यान शिविर , नशा मुक्ति आन्दोलन, इत्यादि .... इस दरम्यान जसोल कस्बा दुनिया के नक्शे पर आ गया . देश विदेश के लाखो भक्त आचार्य श्री महाश्रमणजी के दर्शनार्थ पहुचे .अनेक नेता . सामाजिक कार्यकर्ता , वैज्ञानिक , ब्योरोकेट्स , स्कूली छात्र , अध्यापक , एवं अन्य धर्म सम्प्रदाय के गुरु साधू संत भी गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी की एक झलक देखने को उत्सुक दिखे !
जय-जय ज्योति चरण - जय-जय महाश्रमण
29 नवम्बर 2012 को गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ जसोल चातुर्मास पूर्ण करके जसोल नगरी से मंगल विहार करके जैन तीर्थ स्थल नाकोडा पार्श्वनाथ पधारेंगे . नाकोडा पार्श्वनाथ में गुरु देव का एक दिन का प्रवास रहेगा .नाकौड़ा ट्रस्ट गुरुदेव के स्वागत की तैयारियों में लगा हुआ है .
30 नवम्बर 2012 को गुरुदेव पुन जसोल पधारेंगे
01 दिसम्बर 2012 को तिलवाड़ा
17 दिसम्बर 2012 को कानौड़
15 /16 जनवरी 2013 बालोतरा
01 फरवरी 2013 को गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ टापरा में 149 वा मर्यादा महोत्सव हेतु प्रवेश करेंगे 15 से 17 फरवरी 2013 को भव्य मर्यादा महोत्सव का आयोजन होगा .
गुरु इंगित निर्देश अनुरूप अधिकतर साधू साध्वी टापरा की और विहार करेंगे .
ॐ अर्हम